दीपावली का पर्व आज मनाया जा रहा है। दीपावली को सायं काल में दीपोत्सव के साथ ही मांलक्ष्मी, गणेश व कुबेर आदि देवताओं की पूजा निष्ठा पूर्वक करनी चाहिए। दीपावली के दिन भगवती महालक्ष्मी का उत्सव बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है।
Diwali Puja Ke Niyam : दीपावली का पर्व आज
मनाया जा रहा है। दीपावली को सायं काल में दीपोत्सव के साथ ही मांलक्ष्मी, गणेश व कुबेर आदि देवताओं की पूजा निष्ठा पूर्वक करनी चाहिए। दीपावली के दिन भगवती महालक्ष्मी का उत्सव बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस दिन लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए पहले से ही घरों को साफ-सुथरा करके दीप आदि रोशनी से सजाकर घी के दीपों से भी सजाना चाहिए। दीपावली के दिन दीपकों की पूजा का बहुत ही महत्व है। लक्ष्मी जी, गणेश जी व कुबेर जी का सभी सामग्रियों आदि सेपूजन कर भोग लगाकर आरती करें। इस दिन लक्ष्मी व कुबेर को प्रसन्न करने के लिए पूजा स्थल के पास बैठकर श्रीसूक्त या कनकधारा स्त्रोत्र का पाठ अवश्य करना चाहिए। मां लक्ष्मी की पूजा में कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक है।
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आइए जानते हैं, दिवाली के दिन किन नियमों का पालन करना जरूरी होता है
दिवाली पूजन उत्तर या उत्तर पूर्व दिशा में करना शुभ होता है।
८. साधक का मुंह उत्तर या पूर्व दिशा की ओर होना चाहिए।
-. दिवाली पूजा में लक्ष्मी-गणेश की मिट्टी की मूर्ति अवश्य होनी चाहिए।
-. बैठी हुई मां लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र होना चाहिए जो दोनों हाथों
से धन बरसा रही हों।
•. मां लक्ष्मी लाल वस्त्र पहनकर कमल के आसन पर विराजमान होनी चाहिए।
-. लक्ष्मी जी के पूजा के दीपक उत्तर दिशा में जलाने चाहिए।
-. पूजा में घी या तेल के दीपक अवश्य जलाएं।
-. लक्ष्मी पूजन में श्री यंत्र, कौड़ी और गोमती चक्र जरूर होना चाहिए।
•. लक्ष्मी पूजा प्रदोष काल, स्थिर लग्न और निशिथ काल में करना शुभ होता है।
■. पूजन कक्ष में सिंदूर या रोली से दोनों तरफ स्वास्तिक बनाएं।
. मां लक्ष्मी के मंत्र का जप करें। ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मये नमः का जप करें। अगला लेख
घरों में पूजा का सर्वश्रेष्ठ समय- पंडित जी के
अनुसार, स्थिर लग्न वृष शाम 06 बजकर 11 मिनट से रात
बजे तक रहेगा। स्थिर लग्न मध्यरात्रि रात 12 बजकर 40 मिनट से 02 बजकर 50 मिनट तक रहेगा।
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